शुक्ला जी कहिन |
March 16 2010 |
कांग्रेसी सांसद राजीव शुक्ला भी इन दिनों कुछ बदली भाव-भंगिमाओं के साथ अपनी एक नई सियासी पारी का आगाज कर रहे हैं, सब जानते हैं कि शुक्ला जी पेज थ्री पार्टियों के कितने मुरीद हैं पर जब इस दफे उन्होंने राज्यसभा में अपनी चर्चित स्पीच दी तो उनका ज्यादातर फोकस वेस्ट फूड और वेस्ट लैंड मैनेजमेंट पर रहा। शुक्ला ने सवाल उठाया कि आज जबकि देश अन्न की कमी से जूझ रहा है तो ऐसे में बड़ी शादियां, पार्टियों में इतना खाद्य पदार्थों की बरबादी की अनुमति कैसे दी जा सकती है, जब इस देश में इतने लोग भूखमरी की कगार पर हैं, इतना महंगा अनाज है, सो देश में रोज लाखों दावतें होती हैं, फाइवस्टार होटलों में भी रोज हजारों क्विंटल खाना बर्बाद होता है पर हम कुछ कर नहीं पाते क्योंकि हमारे यहां वेस्ट फूड मैनेजमेंट की कोई व्यवस्था नहीं है, राज्य और केंद्र सरकारों को इस बारे में सोचना होगा? राजीव शुक्ला ने मुकेश अंबानी से अपनी चर्चित दोस्ती सरपरस्ती के बाद भी इस बात पर जोर दिया कि आगे से भारत में जो भी सेज या आवासीय कॉलोनियों के नए प्रोजेक्ट आएं उसके लिए खेती योग्य भूमि का आबंटन नहीं होना चाहिए, क्योेंकि इस देश में आज भी 27 फीसदी भूमि बंजर है और ऐसे प्रोजेक्ट के लिए इस बंजर भूमि का ही उपयोग होना चाहिए। |
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