लेट होता कोल गेट |
September 16 2013 |
कोल गेट मामले में कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई एक नई एफआईआर र्दा करने जा रही है। सबसे हैरत की बात तो यह कि यह एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ र्दा होने वाली है। यानी इससे इतना तो साफ हो गया है कि सीबीआई ने पीएम और पीएमओ के उन चंद अधिकारियों को भी क्लीन चिट देने की तैयारी कर ली है, कोयले की आंच जिन तक पहुंच रही थी। सूत्रों के अनुसार खानार्-पूत्ति के तौर पर एफआईआर र्दा होने के बाद पीएमओ के कुछ अधिकारियों को जवाब देने के लिए सीबीआई एक प्रश्नावली भेजने की तैयारी कर रही है, ताकि मामले को आनन-फानन में निपटाया जा सके। सीबीआई ने पीएमओ और कोल मंत्राालय से जो फाइलें मांगी थीं वे अब तक उन्हें मुहैया नहीं कराई जा सकी हैं। सीबीआई को मंत्राालय व पीएमओ की ओर से अब तक जो 793 फाइलें उपलब्ध करायी गई हैं उसका कोल गेट मामले से कोई लेना-देना ही नहीं, ये वे फाइलें बताई जाती हैं जब कोल ब्लॉक आबंटित ही नहीं हुए थे। मंत्रालय ने गुम फाइलों को ढूंढने के लिए जो कमेटी गठित की है वह भी एक तरह से हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि यह कमेटी उल्टे उन तमाम फाइलों को खंगाल कर यह देखने का प्रयास कर रही है कि इसकी आंच कहीं पीएमओ तक तो नहीं पहुंच रही है? और जहां आंच सचमुच धधक कर पीएमओ की ओर लपक रही है उसे ठंडा करने के लिए मिट्टी डाली जा रही है। सुरक्षा व बचाव के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। अगर सचमुच गुम फाइलों को नहीं ढूंढा जा सका तो आखिरकार कोल गेट के दोषियों को सिर्फ सीएजी रिपोर्ट के आधार पर तो सजा मुकर्रर हो नहीं सकती। यह बात सीबीआई भी जानती है और पीएमओ भी। |
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