लाल से चंद जरूरी सवाल

July 11 2010


बेशक महाशय गडकरी किंचित हड़बड़ी में अफजल गुरु को कांग्रेस का दामाद बता गए हों, पर भाजपा की बारात में जब दूल्हे राजा अडवानी देश के गृह मंत्री थे तो उनसे एक के बाद एक कई भयंकर भूलें हुई थीं, देश को आज तक उन सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं। लोग भूले नहीं होंगे जब 17 दिसंबर 1995 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एएन-26 रूसी विमान से 4.5 टन हथियार जिसमें कितनी एके 47 राइफल, राकेट लांचर व कारतूस गिराए गए और ये किसके लिए थे? देश को इस बात का जवाब आज भी नहीं मिल पाया है। जब हमारे वायुसेना के मिग-21 विमान ने रूसी जहाज को घेर कर मुंबई में उतरने को बाध्य कर दिया तो इस विमान में बतौर क्रू-मेंबर 5 लात्विया के नागरिक थे, एक ब्रिटिश पीटर ब्लीच था और इस पूरे अभियान का मास्टर माइंड किम डेवी ऊर्फ नेल्स क्रिश्टियन नेल्सन था। जब मुंबई में इन लोगों से हमारी खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर ही रही थीं तो किम डेवी अपना नकली पासपोर्ट और कुछ डॉलर लेकर वहां से काठमांडू भागने में कामयाब हो गया और काठमांडू से वह डेनमार्क भाग गया। भारत को भी किम डेवी के बारे में तब पता चला जब अप्रैल 2010 में उसे कोपेनहेगन में गिरफ्तार किया गया, तब हमारे गृह सचिव का बयान आया कि प्रत्यर्पण संधि के तहत डेवी को डेनमार्क से भारत लाया जाएगा, पर बाद में यूपीए सरकार ने भी इस बात पर चुप्पी साध ली। जबकि पहले ही यह अहम राज बेपर्दा हो चुका था कि डेवी के कुछ भारतीय राजनेताओं और अंडरवर्ल्ड के साथ गहरे रिश्ते थे। सवाल अहम है कि डेवी को बचाना कौन चाहता है?

 
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