राहुल की भूल |
April 11 2012 |
अभी साफ नहीं हो पाया है कि यूपी चुनाव में कांग्रेस की हार की समीक्षा में दो दिन लगाने के बाद भी राहुल गांधी अपने व कांग्रेस के लिए कोई बलि का बकरा ढूंढ पाए कि नहीं, दो दिनों के विचार मंथन उपक्रम के बाद अब युवराज ने अपना नया फोकस गुजरात पर कर लिया है। इस वर्ष के अंत में दिसंबर माह के आस-पास गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं और विगत कुछ वर्षों में नरेंद्र मोदी गांधी परिवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं, सो राहुल की टीम ने अभी से गुजरात का रुख कर लिया है, जहां वे मोदी की शासकीय व राजनैतिक गलतियों को ढूंढने में जुटी है। समझा जाता है कि इसी के आधार पर देश की एक बड़ी विज्ञापन एजेंसी कांग्रेस के गुजरात प्रचार अभियान का खाका तैयार करेगी। यूपी के महाभारत में राहुल के सबसे बड़े रथी दिग्विजय सिंह थे, शायद उनकी वजह से भी वहां कांग्रेस की यह दुर्गति हुई, अब राहुल अपने लिए गुजरात का रथी ढूंढ रहे हैं जिनके भरोसे व कंधे का आसरा पाकर एक बार फिर से वे अपनी राजनैतिक अस्मिता को दांव पर लगा सके। एक अप्रत्याशित नाम उभर कर सामने आ रहा है अहमद पटेल का, जिनके बारे में माना जाता है कि राहुल उन्हें पसंद नहीं करते, पर राजनीति पसंद-नापसंद के अक्सर नई परिधियां खींच दिया करती है। |
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