राहुल की पाठशाला |
March 07 2010 |
कांग्रेस के देदीप्यमान नक्षत्र हैं राहुल बाबा, कांग्रेस के मान्य परंपराओं से दीगर उन्हें नई सियासी इबारत लिखने में दक्षता हासिल हैं, चुनांचे जब पिछले दिनों एक राज्य की राजधानी पहुंचे और वहां वे युवा कांग्रेसियों की एक सभा में शिरकत कर रहे थे तो वहां मौजूद एक युवा से वे इस कदर प्रभावित हो गए कि बाबा ने फौरन उस युवक को एक महती पेशकश कर दी थी ‘क्या वे उनकी यानी राहुल की टीम ज्वॉयन करना चाहेंगे?’ किसी बड़ी प्रबंधन संस्थान से पढ़ाई पूरी कर अभी-अभी एक नई कंपनी ज्वॉयन की थी उस युवक ने, सो उसने तनिक सकुचाते हुए राहुल की टीम यह कहते हुए ज्वॉयन करने से मना कर दिया कि उन्हें 60 हजार की पगार मिलती है। एक पल सोच कर राहुल ने कहा-‘ठीक है मैं इससे दोगुना दूंगा यानी एक लाख बीस हजार रुपए महीना, क्या तुम्हें मंजूर है?’ युवक ने सहर्ष हामी भर दी और अब वह राहुल की टीम में हैं जहां पहले से ही डेढ़ दर्जन से ज्यादा ऐसे लोग काम कर रहे हैं जिनकी महीने की तनख्वाह 1 लाख रुपए से ज्यादा है। पर जब इरादे बड़े हों तो दिल बड़ा रखना ही होता है इसे आप कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी से सीख सकते हैं। |
Feedback |