रमती कांग्रेस, सहती ममता

April 25 2013


योजना भवन के गेट पर एसएफआई के कार्र्यकत्ताओं द्वारा ममता बनर्जी और उनके वित्त मंत्री अनिल मित्रा के अपमान के ताने-बाने में क्या कांग्रेस की भी कोई भूमिका थी? नहीं तो क्या वजह थी कि योजना भवन के सुरक्षा अधिकारियों ने ममता बनर्जी की एक जायज मांग अनसुनी कर दी। दरअसल, योजना आयोग के मुख्य दरवाजे के पास जब ममता की कार पहुंची तो वहां एसएफआई और वामपंथी कार्र्यकत्ताओं का जमावड़ा जुटा था, जिन्होंने ममता की कार को वहां पहुंचते ही घेर लिया। तब ममता ने कार के अंदर से ही फोन कर योजना भवन के एक प्रमुख व्यक्ति से आग्रह किया कि वे जल्दी से मेन गेट खुलवा दें ताकि उनकी कार अंदर आ सके। पर सुरक्षा कर्मियों की ओर से उन्हें टका सा जवाब मिला कि ‘यह गेट लॉक है और इसकी चाबी हमारे पास नहीं है आप पिछले गेट से आ जाइए।’ ममता पिछले गेट से आने को तैयार नहीं हुई। उनके और अमित मित्रा के साथ धक्का-मुक्की हुई, ममता का ब्लाउज फाड़ने की कोशिश हुई, अमित मित्रा का कुर्ता फट गया, उन्हें चोटें भी आईं, मित्रा को फौरन दिल्ली के एम्स में दाखिल करवाया गया, डाक्टरी जांच के लिए कि कहीं उन्हें अंदरूनी चोटें तो नहीं आईं हैं, क्योंकि उन्हें पहले दिल का दौरा पड़ चुका है। दीदी स्वयं कोलकाता के एक अस्पताल में चेकअप के लिएर् भत्ती हुईं, ममता ने कहा कि अब वह दिल्ली नहीं आएंगी, क्योंकि दिल्ली सेफ नहीं है।

 
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