मनमोहन जाएंगे, राहुल आएंगे |
January 03 2010 |
कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी नव वर्ष के नव संकल्प के आलोक में देश की बागडोर संभालने को तैयार हो गए हैं, जैसा कि सोनिया गांधी भी अब अपनी निजी बातचीत में इस बात से इंकार नहीं कर रहीं कि अब राहुल राजनैतिक तौर पर परिपक्व हो चुके हैं, अगर सब योजनाबद्द तौर पर चला तो आने वाले वर्ष में बजट सत्र के बाद राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज हो जाएंगे यानी 2010 में लाल किले की प्राचीर पर भारतीय तिरंगा युवा राहुल ही फहराएंगे। इस ‘चेंज ऑफ गार्ड’ की पेशकश स्वयं मनमोहन सिंह की ओर से आई है, उन्होंने अपनी हालिया मुलाकात में सोनिया से साफ कर दिया है कि अपनी दूसरी ‘बाइपास सर्जरी’ के बाद से उन्हें इतनी भागदौड़ रास नहीं आ रही है, चुनांचे अब वे सक्रिय राजनीति को अलविदा कह आराम फरमाना चाहते हैं, यानी अपने अन्य सहधर्मी रिटायर पूर्व दां लीडरों की तरह वे भी तवे से गरमा गरम उतरती चपाती और एक कटोरी दाल पर कुर्बान कर देंगे अपनी तमाम सियासी महत्वाकांक्षाएं और अपने को सिमटा लेंगे चंद जरूरी दैनंदिन कार्यों में… डा.मनमोहन सिंह की क्या यही कहानी रह जाएगी शेष…? और रही बात सोनिया गांधी की तो भारतीय राजनीति की एक उस्ताद जादूगर के मानिंद उनका उपक्रम यथावत जारी रह सकता है, जिसका उन्हें बखूबी इल्म भी है और हुनर भी…वर्षों से वो सत्ता की जेब में डालती रही हैं अपना जादुई रूमाल…और उसमें से निकालती रही हैं फड़फड़ाता हुआ जिंदा कबूतर, जो उनकी सियासी महत्वाकांक्षाओं के कंगूरे पर ही बैठने को रहा है सदा अभिशप्त! |
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