प्रभारी पर भारी राजनाथ |
July 18 2011 |
यूपी की बाबत गडकरी ने 3 अलग-अलग एजेंसियों से सर्वेक्षण करवाए, वहां लोकप्रियता के ग्राफ में राजनाथ सिंह अव्वल आए, फिर वरुण गांधी और उमा भारती का नंबर आया। तब राजनाथ पर दबाव बनाया गया कि उन्हें यूपी में बतौर अगला सीएम प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ा जाए पर इसके लिए राजनाथ तैयार नहीं हुए। उनका ध्यान अब भी 2014 के चुनाव पर केंद्रित है। वे यूपी का प्रभारी बनने को भी राजी नहीं हुए (उनके चेले नरेंद्र सिंह तोमर पहले से ही यूपी के प्रभारी हैं) राजनाथ का तर्क था कि एक बार पार्टी अध्यक्ष बन जाने के बाद प्रभारी होने का कोई औचित्य नहीं रह जाता, कुशाभाऊ ठाकरे व जना कृष्णामूर्ति भी अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के बाद कभी प्रभारी नहीं बने (हां वेंकैया नायडू जरूर इसके एकमात्र अपवाद हैं), सो केंद्रीय नेतृत्व ने राजनाथ को यूपी और उत्तराखंड पर विशेष ध्यान देने की जिम्मेदारी सौंपी है, शायद इसीलिए कलराज मिश्र खम्म ठोंककर पत्रकारों को बता रहे हैं कि राजनाथ यूपी के प्रभारी नहीं हैं। |
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