पैसा खोर नेताओं की कैसे पहचान हो?

July 11 2010


समझा जाता है कि किम डेवी 1988 से ही मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में आता-जाता रहा था और उसने कई भारतीय राजनेताओं की कथित तौर पर पैसों से मदद की थी। हैरत की बात देखिए कि उसका पासपोर्ट भी एक दो वर्ष के मृत बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर बना था यानी कि उसकी असली पहचान हमेशा से छुपी रही या हमारे सियासतदां ने जान बूझ कर उसकी पहचान छुपाए रखी। फिर भी वो बेखटके भारत आता-जाता रहा और अपने नापाक मंसूबों को भारतीय सरजमीं में हवा देता रहा।

 
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