पंजे में साईकिल |
January 23 2010 |
पर नहीं यह मामला व्यक्तिगत से कहीं ज्यादा सियासी है। कांग्रेस और सपा में कहीं न कहीं कुछ खिचड़ी अवश्य पक रही है। समझा जाता है कि कांग्रेस और सपा में एक अघोषित समझौता हुआ है कि यूपी से माया को खदेड़ने के लिए इन दोनों पार्टियों का साथ आना जरूरी है। और इसके लिए यह भी जरूरी है कि वर्ष 2012 का यूपी विधानसभा चुनाव कांग्रेस व सपा मिलकर लड़े इसके लिए फिफ्टी-फिफ्टी फार्मूले पर भी विचार हुआ है यानी राज्य की आधी सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी और आधी सीटों पर सपा। इस मामले में कांग्रेस की एक खास शर्त थी कि इस समझौते के अमर सिंह हिस्सा नहीं होंगे, सो अमर को खदेड़ने की कमान सुनियोजित तौर पर रामगोपाल को सौंपी गई, समझा जा सकता है कि रामगोपाल ने अमर के खिलाफ जो भी आग उगली उसे नेताजी हवा दे रहे थे। और जब राज्य में विधान परिषद की 36 में से मात्र 1 सीट पर सपा जीत पाई तो मुलायम को यह भी अहसास हो चला है कि वे कितने पानी में है। सो अमर को पानी-पानी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे नेताजी। |
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