निशंक को कैसे लगा डंक

September 13 2011


आखिर बैठे-बिठाए निशंक के सिर पर यह आसमान क्यों टूट पड़ा? एक अदद मुरली मनोहर जोशी और दूसरे राजनाथ सिंह जाने कब से उनकी मुखालफत कर रहे थे। पर संघ व गडकरी भक्ति से ओत-प्रोत निशंक का बाल बांका नहीं हो पा रहा था। पर बोतल से जिन्न गडकरी-जेतली विश्वासपात्र अरुण नरेंद्रनाथ के एक सर्वे रिपोर्ट की वजह से बाहर आया। नरेंद्र नाथ भाजपा के लिए जनमत सर्वेक्षण के कार्यों को अंजाम देते हैं, अभी उनका उत्तराखंड को लेकर एक ताजा सर्वे प्रकाश में आया है जिसमें वहां भाजपा की लगातार पतली होती हालत का जिक्र है, इस सर्वे में खुलासा हुआ कि भाजपा को वोट देने के इच्छुक मतदाताओं में भी 46 प्रतिशत का समर्थन भुवनचंद्र खंडूरी के साथ था, निशंक सिर्फ 15 फीसदी की पसंद थे, 8 फीसदी कोश्यारी के साथ थे। गडकरी को अब एक बड़ी जीत का इंतजार है, इसीलिए वे कोई राज्य हारना नहीं चाहते। अब चूंकि 12 तारीख से श्राध्द शुरू हो रहा है और हिंदू मान्यताओं के मुताबिक इस अवधि में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता, चुनांचे इसीलिए निशंक के इस्तीफे और खंडूरी की ताजपोशी के लिए इतनी जल्दी मचाई गई।

 
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