नमो का मनी-पॉवर |
June 10 2013 |
मोदी करीबी अमित शाह को यूपी का प्रभार दिए जाने के मामले में वाकई रामलाल और सौदान सिंह में खूब ठन गई थी। संघ की व्यापक पृष्ठभूमि वाले सौदान सिंह जानना चाहते थे कि शाह आखिरकार यूपी के बारे में जानते क्या है? पहली बार राजनाथ सिंह भी सौदान सिंह की इस राय से इत्तफाक रखते थे। यही वजह है कि रामलाल द्वारा तैयार की गई प्रभारियों की पहली सूची को राजनाथ ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। पर समझा जाता है कि इसके बाद सीधे ‘नमो’ं लाइन पर आ गए और उन्होंने राजनाथ को बताया कि ‘चुनाव प्रबंधन में अमित शाह का कोई सानी नहीं, गुजरात के चुनावी नतीजे इस बात के उदाहरण हैं।’ पर राजनाथ का तर्क था कि शाह यूपी के भूगोल और यहां की जातीय राजनीति के बारे में आखिर जानते क्या हैं? सूत्र बताते हैं कि तब मोदी ने राजनाथ को बताया कि यूपी की 80 संसदीय सीटों के लिए उनका अपना चुनावी बजट कोई 100 करोड़ रूपए है जो शाह के हाथों खर्च हो सकता है। वित्तीय तंगी से जूझ रही भाजपा के लिए इससे बड़ी राहत की और क्या बात हो सकती थी, सो राजनाथ मान गए। सो, मोदी को पार्टी की प्रचार समिति का मुखिया बनाने में क्या राजनाथ की यही सोच काम कर रही है? |
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