देश में चुनाव समय पर |
April 25 2013 |
मध्यावधि चुनाव का खटराग अलापने वाली पार्टियों को कांग्रेस अब किंचित गंभीरता से नहीं ले रही है। कांग्रेस में शीर्षस्तर पर इस बात को लेकर एका कायम है कि देश में लोकसभा चुनाव अपने तयशुदा वक्त पर ही होंगे। कांग्रेस को कोई जल्दी नहीं है और न ही वह भाजपा सरकार की पूर्व की गलतियों को दुहराने का इरादा रखती है। ममता बनर्जी और मुलायम सिंह ने अपने-अपने राज्यों में जो जनमत सर्वेक्षण करवाए हैं उसमें इन पार्टियों की हालत पतली है। बंगाल में ममता की तृणमूल संसदीय चुनाव में दस का आंकड़ा भी नहीं छू पा रही है। वहीं यूपी में मुलायम जहां 70 संसदीय सीट जीतने का सब्ज बाग देख रहे हैं, सपा के लिए सांसदों का अपने वर्तमान आंकड़े को बचा पाना ही मुश्किल हुआ जाता है। सो, ये दोनों ही नेता अभी वक्त चाहते हैं कि अपनी-अपनी पार्टियों को और दुरूस्त कर सकें। शायद यही वजह है कि जब भी यूपीए सरकार गिराने की बात आती है या संसद में शक्ति प्रदर्शन की, ममता व मुलायम दोनो ही एक स्वर में ना कहते हैं। इस ना ने कांग्रेस के अरमां को पुनर्जीवित तो कर ही दिया है। |
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