दादा तेरा वादा |
January 03 2010 |
अपने संसदीय क्षेत्र जंगीपुर में पिछले दिनों प्रणबदा को एक स्कूल के उद्धाटन दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था। यह स्कूल एक भद्र बंगाली महिला (अब दिवंगत) के नाम पर शुरू होना था, जिनसे प्रणबदा की पुरानी जान-पहचान थी, सो उनका वहां आना बनता था, कार्यक्रम दोपहर दो बजे से शुरू होना था, पर प्रणबदा आए कोई घंटे भर की देरी से, जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ प्रणबदा ने माइक अपने हाथों में पकड़ा और फिर शुरू हो गए, आयोजक हैरान, तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक तो प्रणब मुखर्जी को बतौर चीफ गेस्ट सबसे आखिर में बोलना था, आयोजकों के हैरान-परेशान मुद्राएं भांपते हुए दादा ने खुद ही स्थितियां संभाल ली-‘मैं जानता हूं कि मुझे सबसे आखिर में बोलना था, पर माफ करिए अगर मैंने ज्यादा देर की तो फिर मेरा यह हेलीकॉप्टर कोलकाता के लिए उड़ नहीं पाएगा…और फिर धारा-प्रवाह बोलते रहे प्रणबदा!’ |
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