दादा अब भी रेस में |
January 15 2013 |
पर प्रणब दा के समर्थकों ने हिम्मत नहीं हारी है। वे देश में उल्टी गंगा बहाने को कमर कस रहे हैं। दादा के समर्थकों में पुराने कांग्रेसी हैं जिनका मानना है कि आनेवाले लोकसभा चुनाव 2014 में संसद की तस्वीर कुछ गड्डमड्ड सी होगी। यानी भाजपा कोई 150 सीटों के आसपास होगी तो कांग्रेस सवा सौ का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाएगी। ऐसी सूरत में प्रणब दा एक सर्वसम्मत कैंडीडेट के तौर पर उभर कर सामने आ सकते हैं। अगर वैसी परिस्थितियों में प्रणब दा 7 रेसकोर्स पर काबिज हो जाते हैं तो उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी प्रणब दा की जगह ले सकते हैं। |
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