थॉमस में क्या है रस |
September 12 2010 |
सीवीसी के नए चीफ विजिलेंस कमिश्नर पी.जे.थॉमस को लेकर भाजपा और इनकी नेत्री सुषमा स्वराज ने सरकार से पहले ही अपनी नाखुशी जाहिर कर दी थी, प्रधानमंत्री द्वारा आहूत बैठक में सुषमा को जरूर आमंत्रित किया गया था पर थॉमस के नाम पर पहले ही चाक-चौबंद मुहर लग चुकी थी। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष चाहती थी कि पैनल के अन्य नामों पर भी डिस्कशन हो, पर सरकार ने पहले से ही थॉमस के नाम पर अपना मन बना लिया था। सर्वज्ञात है कि थॉमस दस जनपथ और मुकेश अंबानी के किस कदर दुलारे हैं। इसके अलावा उनकी अन्य योग्यताएं भी दस जनपथ को लुभाने के लिए काफी थीं, मसलन थॉमस एक प्रतिबध्द सीरियन कैथोलिक हैं और उनके दोनों ही भाई बिशप हैं, बैठक में पूरे समय तक इस मामले में प्रधानमंत्री ने मुंह बंद रखा हुआ था, थॉमस के बचाव में जो भी बोल रहे थे वे पी.चिदंबरम ही थे, पार्टी व सरकार पर चर्च के प्रभाव की इससे ज्वलंत मिसाल और क्या दूजी हो सकती है? |
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