जा जू श्याम |
February 10 2010 |
भाजपा की यह एक आम परंपरा में शुमार हो चुका है कि जब भी किसी को कुछ मिलना होता है या उनसे कुछ छिनना होता है तो पर्चे तो बंट ही जाते हैं। याद कीजिए श्याम जाजू को, एक शर्मीले, संस्कारवान व ईमानदार व्यि€त जो महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक मंडल अध्यक्ष मात्र थे। उन्हें प्रमोद महाजन दिल्ली लेकर आए और दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय कार्यालय के वे एक मान्य चेहरा के तौर पर स्थापित हो गए। जैसा कि पर्चे में दावा हुआ है कि आज की तारीख में जाजू अपार दौलत व बेनामी संपिžायों के मालिक हैं, भाजपा शासित राज्यों में उनका सि€का भी चलता है और उसकी खनक भी। उनके पास चार से पांच पैन कार्ड बताए जाते हैं और जब भाजपा कार्यालय से करोड़ों उड़े तो शक की सुई उनकी ओर भी गई। सो जाजू से कह दिया गया है कि वे अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर जाने के लिए तैयार रहे, जैसे ही 9 तारीख को विधिवत गडकरी गद्दी संभालेंगे जाजू की जगह किसी और नए दाजू की ढूंढ शुरू हो जाएगी। |
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