चुप नहीं बैठा है अडवानी कैंप

July 29 2013


अडवानी कैंप हालिया सियासी दुलत्ती खाकर भी चुप कहां बैठा है। वह पार्टी के अंदर और बाहर मोदी विरोध की अलख जगाने में जुटा है। यानी अडवानी कैंप का मोदी के लिए बड़ा साफ सा संदेशा है कि अपनी राजनीतिक अस्मिता की लड़ाई में वे मोदी के समक्ष आसानी से घुटने नहीं टेकेंगे। अडवानी की सबसे वफादार और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने तो अपने इरादे पार्टी की गोवा कार्यकारिणी में ही सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर दिए थे। इसके बाद अडवानी दुलारे शत्रुध्न सिन्हा का बयान आया कि 2014 का लोकसभा चुनाव अडवानी के नेतृत्व में ही लड़ा जाना चाहिए। अब अडवानी कैंप के कुछ छुटभैय्ये नेताओं के बयान आ सकते हैं। फिर यशवंत सिन्हा मोदी विरोध का शंखनाद कर सकते हैं, और आखिर में अटल जमाने के पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह का बयान आ सकता है। पर फिलवक्त तो मोदी व राजनाथ दोनों ही इन बातों से बेफिक्र दिखते हैं।

 
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