चुप्पी बोलती है |
October 28 2010 |
गेम्स के भ्रष्टाचार को लेकर भारतीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने खूब हाय-तौबा मचाई, पर जाहिरा तौर पर देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने की बात करने वाले एक अंग्रेजी दैनिक की भूमिका संदेह के घेरे में रही, अपने चरित्र के विपरीत इस अखबार समूह ने कॉमनवेल्थ लूट पर कमोबेश चुप्पी साधी रखी, कहते हैं कि इस समूह के संपादक-मालिक की पत्नी को भी गेम्स से चादर-तकिया व फर्नीशिंग सामग्री सप्लाई करने का एक बड़ा ऑर्डर मुंहमांगी कीमतों पर मिला था, सो ऐसे में इस अखबार ने भी अपना मुंह सिल लेना ही उचित समझा। |
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