गोल्फ क्लब व अफसरशाही |
July 08 2013 |
यूं तो सियासत भी एक खेल है। इस बात को नौकरशाहों से बेहतर और कौन जान सकता है। सो आइएएस-आइपीएस अफसर अब अपने मनचाहे तबादलों के लिए मंत्रालयों की खाक छानने की बजाए आराम से टोपी लगाए गोल्फ खेलना पसंद करते हैं। क्योंकि इन दिनों ऐसी बहुत सारी बातें गोल्फ कोर्स में ही तय हो जाती हैं। सो, तमाम बड़े प्रशासनिक अधिकारियों में गोल्फ कोर्स की मेंबरशिप पाने की होड़ मची है। हालिया दिनों में रिटायर हुए केंद्रीय गृहसचिव आर.के.सिंह भी गोल्फ के उतने ही बड़े शौकीन हैं। मसलन, एक सीनियर आईपीएस दिलीप त्रिवेदी को बिना उनकी वष्ठिता देखे सिर्फ गोल्फ क्लब की दोस्ती के आधार पर बीएसएफ का अतिरिक्त महानिदेशक नियुक्त कर दिया गया था। इस नियुक्ति में कई सीनियर अफसरों की वरिष्ठता को नारअंदाज कर दिया गया। सिंह जाते-जाते उनसे सीआरपीएफ का अगला महानिदेशक बनाने का वायदा भी कर गए हैं। सनद रहे कि सीआरपीएफ के मौजूदा डीजी प्रणय सहाय का कार्यकाल इसी 31 जुलाई को समाप्त हो रहा है। |
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