गुफ्तगू के दौर भी चले |
July 03 2011 |
पर सिर्फ रामदेव को घेरने का उपक्रम भर नहीं साधना चाहती सरकार, वह जाहिरा तौर पर बाबा को बचाव का रास्ता भी मुहैया कराने को आतुर है, केंद्र सरकार भली-भांति इस तथ्य से वाकिफ हो चुकी है कि फिलहाल बाबा जन-आंकाक्षाओं के केंद्र बन गए हैं और उनको छेड़ना यानी कि जन भावनाओं को सरकार विरोधी बनाना है। सो, कई नए तारणहार सामने आ रहे हैं। श्री-श्री रवि शंकर की मध्यस्थता की पेशकश में चाहे दम ना भी हो पर, असल खेल तो मुकेश अंबानी खेल रहे हैं, वह इस संकट से सरकार को उबारने का हर संभव उपक्रम साध रहे हैं। इस हेतु उन्होंने अपने पारिवारिक गुरु मोरारी बापू की भी सेवाएं ली हैं, सनद रहे कि मोरारी बापू से बाबा के संबंध काफी मधुर हैं, सो बाबा को मनाने में बापू की एक महती भूमिका हो सकती है, फिलहाल तो सरकार की सारी चिंताएं इस बात को लेकर है कि बाबा अपना अनशन तोड़ें, इसके लिए सरकार कई नए-नवों को जोड़ने को भी तैयार हैं। |
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