गंगई की ‘नंगई |
October 20 2009 |
बिहार के एक पिछड़े संसदीय क्षेत्र के अति पिछड़े सांसद हैं, प्रदीप सिंह ‘गंगई’, अररिया संसदीय क्षेत्र की जनता अब अपने इस बाहुबली सांसद को एक नए नाम से जानती है और वह नाम है-प्रदीप सिंह ‘नंगई’ अब ऐसी क्या ‘नंगई’ पर उतर आए सांसद महोदय कि क्षेत्र की जनता इस कदर हैरान-परेशान है। अभी पिछले दिनों संपन्न हुए दुर्गोत्सव कार्यक्रम में सांसद अपने चेले-चंपुओं की भीड़ लिए स्थानीय फारबिसगंज के सुल्तान पोखर में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे तो महिलाओं के लिए चिन्हित पंक्ति से देवी-दर्शन के लिए जाने लगे तो आयोजक भागे-भागे आए और सांसद से पुरुषों के लिए निर्धारित गेट से प्रवेश का आग्रह किया तो सत्ता के मद में चूर उखड़ गए सांसद महोदय और उनके चेले चंपू तो अलग से शोर मचाने लगे। सांसद ने आयोजकों से साफ कह दिया कि वे जाएंगे तो इसी लाइन से, वरना देवी के दर्शन किए बगैर लौट जाएंगे। अब आयोजक भी थे हठी, वे अंत-अंत तक तैयार नहीं हुए कि सांसद अपने लाव-लश्कर के साथ महिलाओं की पांत से जाएं, नाराज गंगई लौट आए देवी मां के दर्शन किए बगैर, शायद श्रध्दा के ऊपर उनका अहं ज्यादा बड़ा हो गया था। गंगई भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं, जिनकी पार्टी भाजपा कथित तौर पर हिंदू-धर्म संस्कृति के प्रति अक्षुण्ण विश्वास रखती है, लेकिन लगता है इस भगवा सांसद की निष्ठा अपनी पार्टी से कहीं ज्यादा शाहनवाज हुसैन के प्रति है, क्योंकि दिल्ली के सियासी गलियारों में यह शाहनवाज हुसैन के ही परम प्रिय चेले के तौर पर जाने-पहचाने जाते हैं। क्या मां दुर्गे अपने ऐसे अज्ञानी भक्तों को क्षमा करेंगी? |
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