कोलगेट के सेठ |
September 04 2012 |
कोयला मामले में कांग्रेस के दो मंत्री सीधे-सीधे फंस रहे हैं, 5 सांसद और उनके नजदीकी रिश्तेदार भी इस मामले के लाभार्थी हैं। और तो और इस मामले में दो बड़ी मीडिया कंपनियां भी फंस रही हैं, जिनमें से एक का साम्राज्य मध्य प्रदेश में फैला है तो दूसरी का महाराष्ट्र में। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जब दासारि नारायण राव और सुब्बारामी रेड्डी केंद्र में मंत्री थे तो उनके खिलाफ सोनिया गांधी के पास कई शिकायतें पहुंची थीं, तब कांग्रेस ने अघोषित तौर पर यह तय किया था कि जो भी बिजनेसमैन कांग्रेस से ‘स्लिप’ लेकर आएगा , तब ही कोल ब्लॉक्स के आबंटन के लिए उनका दावा मजबूत समझा जाएगा। शायद इसीलिए छत्तीसगढ़ के भगवा सीएम रमण सिंह बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने मोतीलाल वोरा की सिफारिशी चिट्ठी पर ही अपने यहां कोल ब्लॉक्स के आबंटन किए। यहां तक कि आज अस्फुट तौर पर सीबीआई को भी यह दावा करते सुना जा सकता है कि कम से कम 55 कंपनियों पर ‘प्राइमाफेसी’ मामला तो बनता ही है। |
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