…और अंत में |
July 11 2010 |
भाजपा में पर्चे, परचम व फर्रे बंटने-बांटने का आयोजन व अनुभव पुराना है, इस बार ‘सच का सामना’ नामक नए सीरीज में अडवानी, जेठमलानी, गुरर्ूमूत्ति, गडकरी आदि पर निशाना साधा गया है, उम्दा पेपर, बढ़िया प्रिंटिंग, बेहतर जुमला (मैं भी सिंधी-तुम भी सिंधी) के साथ भाजपा के एक उपेक्षित व रूठे नेता ने पार्टी के अपने साथियों के टेंट-तंबू उखाड़ने का जबर्दस्त उपक्रम साधा है, सवाल मौजूं है और भावनाएं आहत, पार्टी जाती है तो जाएर् गत्त में। |
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