ऐसे जीती कांग्रेस |
May 15 2011 |
असम में आम मान्यताओं के अनुरूप कांग्रेस प्रवासियों की पार्टी मानी जाती रही है, तो अगप-भाजपा लोकल की। पर इस चुनाव में जिस कदर एआइडीयूएफ का अभ्युदय हुआ (भाजपा ने कथित तौर पर इस पार्टी की पैसों से खूब मदद की) उसे लोकल हिंदू या असमिया मुस्लिम लोगों ने ज्यादा बड़े खतरे के तौर पर देखा और वे ऐन वक्त कांग्रेस के पाले में चले गए। उल्फा के अरविंद राजखोवा खेमे ने भी खुलकर कांग्रेस की मदद की, इस खेमे को ऐसा लगा कि कांग्रेस सरकार ने उनके नेता राजखोवा को रिहा कर अपना वादा पूरा किया। भाजपा की दुर्गति प्रभारियों की भरमार को लेकर भी थी। वरुण गांधी को चुनाव प्रचार के लिए तो खूब दौड़ाया गया पर टिकट बंटवारे में उनकी एक न चली। जिनकी चली, उनकी मतदाताओं के आगे चल नहीं पायी। |
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