आम आदमी पर भगवा मेहरबानी |
October 05 2009 |
कहते हैं दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है, जब से इस लोकसभा में भाजपा की इस कदर दुर्गत हुई है, पार्टी ने मौजूदा विधानसभा चुनावों में न सिर्फ अपनी रणनीति बदल ली है, बल्कि नई चुनावी नीति बुनने में भी पार्टी हर संभव सतर्कता बरत रही है। लोकसभा चुनावों में भगवा पार्टी अडवानी की आत्ममुग्धता में इस कदर डूबी थी कि उसने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निजी हमले से भी परहेज नहीं किया। पर मौजूदा विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी के एजेंडे पर सबसे मुखर होकर सामने आया है हाशिए का सिपाही आम आदमी। सो, पार्टी के आचार-व्यवहार से यह साफ झलक रहा है कि उन्हें आम-आदमी की किस कदर फिक्र है, सो भगवा पार्टी को फिक्र है बेलगाम बढ़ती महंगाई की, बेरोजगारी की, किसानों के दुख दर्द की। और इस दफे भगवा पार्टी इस बात की खासतौर पर चिंता कर रही है कि लोकसभा चुनाव की तर्ज पर कोई वरुण गांधी पार्टी के मौलिक एजेंडे का हरण न कर ले कि अकारण उग्र हिंदुत्व के लहराते परचम से पार्टी की पेशानी पर यूं अकारण चिंता की लकीरें खिंच जाएं। |
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