…अब बस

October 16 2011


अडवानी का यह रथ पुणे में तैयार हुआ है और इसको तैयार करवाने में प्रकाश जावड़ेकर की सबसे महती भूमिका रही है। इस रथ में दो जेनरेटर लगे हैं, एक शानदार साउंड सिस्टम है और एक लिफ्ट लगी है। इसके दरवाजे हाईड्रोलिक हैं जो रथ के चलते ही अपने आप बंद हो जाते हैं। उस दिन जब सारा हंगामा बरपा तो शुरूआत रथ में लगे एक्जॉस्ट फैन टूट जाने की वजह से हुई, जैसे ही फैन टूट कर नीचे गिरे जेनरेटर का धुंआ एयर कंडिशनर के डक्ट में जाने लगा। और यह धुंआ धीरे-धीरे केबिन में भरने लगा। धुंआ इतना ज्यादा होने लगा कि उसमें मौजूद कॉर्बन मोनोक्साइड से केबिन में बैठे लोगों के दम घुटने लगे। उस वक्त जेतली वहां सो रहे थे, वे सोते-सोते बेहोश हो गए। सी.पी.ठाकुर को उल्टियां शुरू हो गई। पर रथ का दरवाजा था कि वह खुल ही नहीं रहा था क्योंकि दरवाजे रथ रूकने के बाद ही खुल सकते थे और अडवानी नहीं चाहते थे कि रथ रूके और उनकी यात्रा बाधित हो। पर जब पानी सिर से गुजरने लगा तो रथ रूकवाया गया। दरवाजे खुले और लोग बाहर आ पाएं। रथ के आगे-आगे रास्ता बनाते रूढ़ी चल रहे थे पर वे भी कहीं आगे निकल गए थे। उन्हें फिर बुलाया गया क्योंकि रथ के साथ कोई और गाड़ी नहीं चल रही थी। फिर डॉक्टरों के दल को बुलाया गया, कार्डियोलोजिस्ट ने जेतली को रात की यात्रा नहीं करने की सलाह दी, सुषमा का बीपी (13580) और ऑक्सीजन लेवल (97) ठीक आया। सी.पी.ठाकुर का प्राथमिक उपचार किया गया। फिर नेताओं को अलग-अलग गाड़ियों से वहां से ले जाया गया। यह रथ जब आगे बढ़ा तो फिर आरा में हिचकोले खा गया, ऊंचाई को लेकर जब फंस गया तो टायरों की हवा निकाली गईं फिर निकालने के बाद पंचर टायरों की मरम्मत हुई और उसमें हवा भरी गई। पर इन बातों से अडवानी की हवा कम नहीं हुई है।

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!