अब तक का सबसे बड़ा खुलासा |
July 08 2013 |
इस बात का मुल्क में बहुत शोर उठ रहा है कि अगर एनआईए के पास डेविड हेडली की वह पूछताछ दर्ज है जिसमें उसने इशरत को ‘लश्करे-ए-तोइबा’ का ‘आपरेटिव’ बताया है तो उस बयान को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाता। बड़बोले दिग्गी राजा भी इस बात को जोर-शोर से कह चुके हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को गृहमंत्री शिंदे के कहने पर नवनियुक्त गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने एनआईए के महानिदेशक एन.आर.वासन को तलब किया था, और सूत्रों की मानें तो वासन ऐसे किसी बयान से मुकर गए। जबकि सच यह है कि अमेरिका से लौटने के बाद एनआईए ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें हेडली का यह कथित बयान दर्ज था। हेडली का यह कबूलनामा एनआइए की रिपोर्ट के पैरा नंबर 159-160 में दर्ज है। पर दिक्कत यह है कि एनआइए चाह कर भी इस रिपोर्ट का मनमाफिक इस्तेमाल नहीं कर सकती, क्योंकि जब एनआइए की टीम हेडली से पूछताछ के लिए अमंरिका गई थी तो एजेंसी ने बकायदा अमेरिकी प्रशासन को यह शपथ-पत्र हस्ताक्षरित करके दिया था कि वह हेडली के बयान का इस्तेमाल किसी कोर्ट या किसी केस में नहीं करेगी। चुनांचे शिंदे हों या चिदंबरम या फिर प्रधानमंत्री या फिर हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सबको मालूम है इशरत की हकीकत मगर दिल को बहलाने को यह ख्याल अच्दा है। |
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