अडवानी का दांव |
May 26 2013 |
सनद रहे कि ये वही अडवानी हैं, जिन्होंने नितिन गडकरी के दुबारा अध्यक्ष बनने की राह में सबसे ज्यादा रोड़े अटकाए थे और अंत समय में गडकरी का विकेट गिराने में अडवानी करीबियों की सबसे अहम भूमिका रही थी। पर आज एक बदले सियासी परिदृश्य में गडकरी को लेकर अडवानी ने अपना स्टैंड बदल लिया है। लगता है उनका मन भी बदला है और नीयत भी। चुनांचे इसीलिए उन्होंने बकायदा भाजपाध्यक्ष को एक पत्र लिखकर गडकरी की पैरवी की है कि आगामी चार राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए जो चुनाव समन्वय समिति गठित हो रही है उसका अध्यक्ष गडकरी को बनाया जाए। अडवानी के पत्र की भाषा से यह साफ परिलक्षित हो रहा है कि चुनावी रणनीति बुनने और चुनावी मैनेजमेंट के लिए गडकरी का कोई सानी नहीं। वहीं अडवानी विरोधी खेमा इस पत्र के आशय को लेकर चिंतित है, उन्हें लगता है कि यह खत लिखकर अडवानी ने एक बड़ा दांव खेला है उन्होंने राजनाथ, नरेंद्र मोदी और गडकरी की दोस्ती में फूट के बीज बोने चाहे हैं। |
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