सरकार मेहरबान तो हर राह आसान

October 15 2023


ED Sanjay Mishra

मोदी सरकार के पास हर मर्ज की एक अचूक दवा है। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद जब ईडी प्रमुख संजय मिश्रा की रिटायरमेंट अवधि 15 सितंबर तक सीमित हो गई तो सरकार ने इसकी भी एक काट ढूंढ निकाली। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के दखल से पहले ईडी प्रमुख को दो अहम सेवा विस्तार पहले ही दिए जा चुके थे। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार ने सीडीएस यानी ‘चीफ ऑफ डिफेंस सर्विसेस’ की तर्ज पर सीआईओ यानी ’चीफ ऑफ इंवेस्टिगेशन ऑफिसर ऑफ इंडिया’ का नया पद सृजित करने का मन बना लिया है। अगर संजय मिश्रा इस नवसृजित पद के पहले दावेदार हैं तो फिर देश की दो अहम जांच एजेंसियां यानी सीबीआई और ईडी के मुखिया उन्हें रिपोर्ट करेंगे। यह नवसृजित पद भारत सरकार के सचिव के रैंक का होगा और सीआईओ सीधे पीएम को रिपोर्ट करेगा। 2018 से ही संजय मिश्रा ईडी प्रमुख पद पर काबिज हैं। कभी वे अहमद पटेल, पी.चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी जैसे नेताओं के बेहद भरोसेमंद नौकरशाहों में शुमार होते थे, दिल्ली का निज़ाम बदला तो उनके भी रंग बदल गए। कहते हैं संजय मिश्रा बेहद सादगी से जीवन जीने के कायल हैं, पिछले दिनों उन्होंने अपने घर के सारे एसी उतरवा दिए, उनका यह संन्यासीपन वाला बिंदास अंदाज पीएम मोदी को भी खूब रास आता है। पर विपक्षी दल मिलजुल कर यह बात उठा रहे हैं कि ’जहां जिन राज्यों में चुनाव होने होते हैं वहीं थोकभाव में ईडी के छापे क्यों पड़ते हैं? और अब तक जिन नेताओं को ईडी ने छापे के बाद जेल भेजा है उन पर वह आरोप क्यों नहीं सिद्द कर पायी है?’

 
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