जब चंद्रबाबू केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन देने की बात करने लगे |
June 09 2024 |
’बड़े जोर की आंधियां चलीं इस बार कि ऊंचे दरख्तों के तोड़ गई गुमां इस चक्कर में टूटे वे पेड़ भी जो कभी छांवों को दिया करते थे पनाह’ पीएम मोदी के तीसरे टर्म का राज सिंहासन सज-धज कर तैयार है, सियासत की नई बेलें भी इस पर अठखेलियां करने के लिए मचल रही हैं, पर 2024 के चुनावी परिणामों के निहितार्थ भगवा रंगमंच से जनादेश के मुखर बोल लिए नए किरदारों के लिए जगह खाली करने को कह रहे हैं। मोदी सरकार के दो अहम गठबंधन साथियों में से एक नीतीश को मनाना भाजपा के लिए किंचित आसान रहा, इसकी बानगी एनडीए की मीटिंग में भी देखने को मिली जब जदयू सुप्रीमो मोदी के सम्मान में इतने झुक गए कि उनके चरणस्पर्श को आतुर हो गए। इसके दीगर चंद्रबाबू नायडू को मनाने के लिए भाजपा शीर्ष को वाकई पापड़ बेलने पड़ गए। नायडू से बात करने के लिए पीएम ने तीन लोगों यानी अमित शाह, जेपी नड्डा व राजनाथ सिंह को अधिकृत किया था। माना जाता है कि शुरूआत में नायडू की मांगों की फेहरिस्त काफी लंबी थी, वे लोकसभा स्पीकर के साथ वित्त, नगर विकास, उड्डयन जैसे अहम मंत्रालय भी मांग रहे थे। फिर भाजपा की ओर से उनसे कहा गया कि ’वे अपने संभावित मंत्रियों की सूची अभी सौंप दें, मंत्रालय के निर्णय रविवार के बाद हो जाएंगे’ पर इस पर नायडू नहीं माने, उन्होंने अपनी ओर से एक विकल्प यह भी पेश कर दिया है कि ’अगर भाजपा चाहें तो तेदेपा केंद्र सरकार को बाहर से भी समर्थन दे सकती है,’ पर भाजपा का डर है कि चूंकि ‘इंडिया ब्लॉक’ अखिलेश व शरद पवार के मार्फत निरंतर नायडू के टच में है, सो उनका ऐसा कोई भी कदम एनडीए 3.0 सरकार के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। |
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