छत्तीसगढ़ में भाजपा कैसे लड़ाई में आई? |
November 27 2023 |
’ख्वाबों की ताबीज बनाता हूं मैं सपने नए हरदम दिखाता हूं मैं तुम नींद में हो तो मेरा क्या कुसूर जमीं से आसमां तक सीढ़ियां लगाता हूं मैं’ छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दूसरे व अंतिम चरण के मतदान के बाद अब भाजपा नेताओं के कंधे पहले की तरह झुके हुए नहीं थे। दरअसल, छत्तीसगढ़ को लेकर भाजपा ने कहीं पहले हथियार डाल दिए थे, पार्टी का अपना जनमत सर्वेक्षण भी वहां कांग्रेस को लड़ाई में काफी आगे बता रहा था। पार्टी के एक ऐसे ही जनमत सर्वेक्षण पर पीएमओ के एक तेज तर्रार अफसर की निगाहें पड़ गईं, उन्होंने पाया कि इन जनमत सर्वेक्षण के नतीजों में चंद विसंगतियां निहित हैं। इस सर्वेक्षण में एक ओर मुख्यमंत्री बघेल की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज हुई है, वहीं दूसरी ओर उन्हें जीत के घोड़े पर सवार बताया जा रहा है। इसी अफसर ने यह बात पीएम के संज्ञान में लायी और जोर देकर कहा कि ’आपके वहां लगातार जाने से पूरी चुनावी हवा बदल सकती है।’ फिर पीएमओ वहां अपनी ओर से जमीनी हकीकत की पड़ताल में जुट गया तो पता चला कि वहां बड़ी इमारत तो खड़ी है पर उसमें अंदर से दीमक लगी है। फिर क्या था भाजपा ने अपने छत्तीसगढ़ यूनिट को और ज्यादा सक्रिय होने के निर्देश दिए, पीएम की वहां पहले महज़ तीन रैलियां आहूत थी, पर दूसरे यानी अंतिम चरण के चुनाव तक पीएम वहां अपनी नौ रैलियां कर चुके थे, योगी व शाह ने भी दनादन कई रैलियां कर दीं। सुप्तप्रायः भाजपा कैडर में एक नई जान आ गई थी। |
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