क्या है संदेशखली का असली संदेश

May 18 2024


पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखली पिछले कई महीने से सुर्खियों की सवारी गांठ रहा है। मामला महिलाओं के कथित रेप और यौन उत्पीड़न से जुड़ा था जिससे पूरा देश उबल पड़ा खास कर भगवा सियासत गर्म हो गई। 5 जनवरी से पहले तक संदेशखली को कम ही लोग जानते थे आज यह भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दे का केंद्र बन चुका है। यौन उत्पीड़न की कथित शिकार रेखा पात्रा जो संदेशखली प्रदर्शनकारियों में सबसे मुखर रहीं उन्हें भाजपा ने बशीरहाट से अपना उम्मीदवार बना रखा है। इस पूरे मामले में तब नया मोड़ आ गया जब राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने स्थानीय टीवी चैनलों पर एक स्टिंग वीडियो जारी किया जिसमें भाजपा के संदेशखली ब्लॉक 2 के मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल को यह कहते हुए सुना गया कि यहां महिलाओं के साथ कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी के निर्देश पर कुछ औरतों ने बलात्कार और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई, जिससे टीएमसी नेताओं को घेरा जा सके। इन टीएमसी नेताओं में शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के नाम प्रमुखता से उभर कर सामने आए। इस वीडियो में यह भी दावा हुआ है कि केंद्रीय एजेंसियों ने भारी तादाद में जो हथियार बरामद किए थे वे शुभेंदु अधिकारी के सौजन्य से ही वहां रखे गए थे। सूत्रों का यह भी दावा है कि दरअसल संदेशखली मामला भाजपा के दो शीर्ष नेताओं शुभेंदु अधिकारी और दिलीप घोष के बीच वर्चस्व की लड़ाई की ही एक परिणति है। दिलीप घोष पुराने भाजपाई हैं, तो शुभेंदु अधिकारी तृणमूल छोड़ कर भाजपा में आए हैं। शुभेंदु जहां एक मास लीडर हैं वहीं दिलीप घोष का प्रभाव क्षेत्र हमेशा कम रहा है। यहां तक कि भाजपा बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत भी शुभेंदु के साथ बताए जाते हैं। शुभेंदु जब ताजा-ताजा भाजपा में शामिल हुए थे तो उनकी भाजपा और संघ कैडर की बैठकों में अनदेखी की जाती रही पर शुभेंदु ने सीधे दिल्ली भाजपा शीर्ष से अपने तार जोड़ रखे थे। वे दिल्ली जाते तो सीधे अमित शाह और जेपी नड्डा से मिलते थे और उनकी ये मुलाकात खूब सुर्खियां भी बटोरती थीं। कहते हैं वहीं दिलीप घोष को शाह से मिलने का समय भी बमुश्किल ही मिल पाता था। शुभेंदु अपने हिसाब से राज्य में भाजपा को चलाना चाहते हैं वहीं दिलीप घोष संघ और भाजपा कैडर पर ज्यादा भरोसा जताते रहे हैं। घोष समर्थकों का दावा है कि बंगाल में भाजपा का उदय तब हुआ जब दिलीप घोष वहां के प्रदेश अध्यक्ष थे। दिलीप घोष मेदिनीपुर से सांसद हैं, लेकिन इस बार उनकी सीट बदल कर वर्धमान दुर्गापुर भेज दिया गया है, जहां उन्हें टीएमसी के कीर्ति आजाद से कड़ी चुनौती मिल रही है। बशीरहाट में शुभेंदु और उनके परिवार का हमेशा से दबदबा रहा है सो, शुभेंदु के कहने पर ही संदेशखली मामले से चर्चित हुई रेखा पात्रा को वहां से भगवा का टिकट मिला है।

 
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