क्या काशी मंथन से निकलेगा अमृत?

June 09 2024


पाठकों को शायद इल्म हो कि इसी कॉलम में 2 जून को लिखा गया था कि यूपी के चुनावी नतीजे खासा चौंकाने वाले होंगे, और जब 4 जून को नतीजे आए तो हुआ भी वही। खास कर वाराणसी के चुनावी नतीजों से भाजपा खेमा बेहद सकते में हैं, कहां तो भाजपा चाणक्य का दावा था कि मोदी बनारस में 10 लाख वोट मार्जिन से जीतेंगे, पर मोदी ने अब तक के सिटिंग पीएम में सबसे कम वोट मार्जिन यानी 1 लाख 52 हजार से जीत दर्ज करा सबको सकते में डाल दिया। वाराणसी की चुनावी बागडोर सीधे भाजपा चाणक्य के हाथों में थी, जिन्होंने वाराणसी के पांचों भाजपा विधायकों से पहले से कह रखा था कि ’उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों से पीएम के हक में कम से कम दो लाख वोट कास्ट करवाने हैं।’ भाजपा का दावा है कि मोदी के काशी से सांसद निर्वाचित होने के बाद से यहां कम से कम 13 हजार करोड़ के विकास कार्य हुए हैं। वाराणसी में पूरे समय प्रदेश के 3 मंत्री, 8 विधायक, 3 एमएलसी, मेयर व जिला पंचायत अध्यक्ष मोदी के पक्ष में अलख जगाते रहे। शाह ने अपने बेहद भरोसेमंद सुनील बंसल, अश्विनी त्यागी, डॉ. सतीश द्विवेदी, अरूण पाठक, सुरेंद्र नारायण सिंह, हंसराज विश्वकर्मा, राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र, रवींद्र जायसवाल व महानगर अध्यक्ष विद्या सागर राव को यहां के चुनावी समर में झोंक रखा था। इसके अलावा बीस लोगों की एक कोर टीम भी तैयार की गई थी। चुनाव से पहले ’स्पेशल 100 डेज’ कैंपेन भी चलाया गया था और स्वयं पीएम मोदी ने अपने हस्ताक्षर से क्षेत्र के 2000 प्रबुद्द व गणमान्य लोगों को समर्थन देने के लिए चिट्ठी भी लिखी थी। इस पूरी प्लॉनिंग में बस एक कमी रह गई जो राज्य के मुख्यमंत्री योगी को इस योजना से बाहर रखा गया था, शायद यही बात सारे फैक्टर पर बीस साबित हो गई।

 
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