कांग्रेस ने वरुण गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ने का न्यौता दिया

April 07 2024


इक मुद्दत से कुछ बोले नहीं हो तुम, आओ तुम्हारे चुप लबों पर कुछ बातें रख दूं

एक वक्त गुजरा जो सोए नहीं हो तुम, आओ तुम्हारे जागते नैनों पर कुछ रातें रख दूं

बोलती चुप्पियों से नए सियासी मिथक गढ़ने में गांधी परिवार का भी कोई सानी नहीं, दुनिया जानती है कि भाजपा में रह कर भी पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी के विचार व तेवर कई दफे पार्टी लाइन से मेल नहीं खाते, अटकलें पहले भी खूब लगी हैं कि वरुण गांधी पाला बदल कर अपने नैसर्गिक घर कांग्रेस का रुख कर सकते हैं, वक्त गुजरता रहा, पर इन कयासों को कोई मुकम्मल चेहरा हासिल नहीं हो पाया। सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने छोटे भाई वरुण गांधी से फोन पर एक लंबी बात की और उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि ’2024 का लोकसभा चुनाव वह कांग्रेस की टिकट पर अमेठी से लड़ जाएं, क्योंकि अमेठी उनके स्वर्गीय पिता संजय गांधी की पसंदीदा और परंपरागत सीट में शुमार रही है।’ पर सूत्रों का कहना है कि वरुण ने अपनी बहन के इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया। समझा जाता है तब प्रियंका ने उन्हें मनाते हुए कहा कि ’वे अमेठी से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ जाएं कांग्रेस व सपा जैसी पार्टियां उन्हें अपना समर्थन दे देंगी।’ पर वरुण ने कहा कि वे पीलीभीत छोड़ कर अन्यत्र कहीं और जाना नहीं चाहते, क्योंकि पिछले कई सालों से उन्होंने पीलीभीत की जनता के लिए अपना खून पसीना बहाया है, यहां के लोगों के साथ उनका एक दिल का रिश्ता कायम हुआ है, जिसे वे तोड़ना नहीं चाहते। दरअसल, इस दफे अमेठी और रायबरेली से न सोनिया, न राहुल और न ही प्रियंका चुनाव लड़ना चाहते। इस बात की पहली सुगबुगाहट तब मिली जब रायबरेली के सांसद प्रतिनिधि किशोरी लाल से गांधी परिवार की ओर से कहा गया कि वे रायबरेली छोड़ कर कहीं और की जिम्मेदारी ले लें। दरअसल, अमेठी व रायबरेली इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस पार्टी की ओर से एक जनमत सर्वेक्षण करवाया गया था और सर्वेक्षण के नतीजों में बताया गया कि अमेठी व रायबरेली ये दोनों ही सीट राहुल व प्रियंका के चुनाव लड़ने के लिए सुरक्षित नहीं है, इसके बाद ही प्रियंका ने अपने छोटे भाई वरुण की ओर रुख किया।

 
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