कांग्रेस का खेल बिगाड़ने में क्यों लगे हैं लालू यादव

April 07 2024


तेरे कांधों पर रहते हैं जिनके हाथ अक्सर

उन्हीं हाथों में होते हैं एक अदृश्य खंजर

यूं तो लालू यादव राहुल गांधी की तारीफों में अक्सर कसीदे पढ़ते नज़र आ जाते हैं पर भीतरखाने से वे कांग्रेस का खेल बिगाड़ने की जुगत भिड़ा रहे हैं। दरअसल, लालू नहीं चाहते कि कांग्रेस से कोई यादव या मुसलमान नेता उभर कर सामने आए जो कल को उनके पुत्र तेजस्वी यादव के समक्ष कोई चुनौती पेश कर सके। सो, उन्होंने बड़ी तिकड़म भिड़ा कर कांग्रेस से उनकी जिताऊ सीटें लेकर उसकी जगह भागलपुर, पटना साहिब, पश्चिम चंपारण और महाराजगंज जैसी कमजोर सीटें पार्टी के समक्ष परोस दीं। सूत्रों की मानें तो लालू को उनके इस कार्य में उनके पक्के हनुमान अखिलेश सिंह का भी पूरा साथ मिल रहा है जो इत्तफाक से बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और उन्हें अध्यक्ष बनाने में लालू यादव की एक महती भूमिका मानी जाती है। पप्पू यादव को पूर्णिया सीट पर झटका देने के बाद लालू ने इसके साथ लगी कटिहार सीट पर भी अपनी नज़रें जमा रखीं थीं। वे नहीं चाहते थे कि इस दफे यहां से कांग्रेस के तारिक अनवर चुनाव में उतरें। तारिक की जगह लालू अपने बेहद भरोसेमंद अहमद अशफाक करीम को चुनावी मैदान में उतारना चाहते थे जिनका यहां मेडिकल कॉलेज भी है। करीम राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। दुबारा जब करीम राज्यसभा जाने में कामयाब नहीं हो पाए तो लालू ने उन्हें भरोसा दिया था कि ’वे उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़वाएंगे।’ पर कांग्रेस तारिक अनवर के नाम पर अड़ गई। कांग्रेस ने कहा कि ’पिछले चुनाव में तारिक 5 लाख से ज्यादा वोट लाए थे। सो उन्हें दुबारा मौका नहीं दिया जाना उनके साथ बड़ी नाइंसाफी होगी।’ इस मामले में सीधे सोनिया गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा तब कहीं जाकर लालू मानें।

 
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