बकौल मुनव्वर राणा-’वो सन्दल से बने कमरे में भी रहने लगा लेकिन
महक मेरे लहू की उसके नाखून से नहीं जाती’
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तो जैसे बर्रे के छत्ते में ही हाथ डाल दिया, उनका पीएम से बात कर यह ट्वीट करना भाजपा वालों को बिल्कुल भी रास नहीं आया, सोरेन के ट्वीट की बानगी तो देखिए-’उन्होंने (पीएम ने) सिर्फ अपने मन की बात की, बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते।’ उनके इस ट्वीट से पूरी भाजपा इस कदर आहत हुई कि संघ से भाजपा में आए इस दौर के एक प्रमुख नेता की पहल पर भाजपाध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक इमर्जेंसी मीटिंग आहूत हुई, झारखंड भाजपा के एक सिरमौर बाबूलाल मरांडी को भी वीडियो कॉल के माध्यम से इस मीटिंग से जोड़ा गया। सूत्र बताते हैं कि सबसे दिलचस्प तो स्वयं मरांडी का स्टैंड था, उन्होंने अपने को इस मोह से अलग कर लिया था कि सोरेन के जाने के बाद वहां की गद्दी उन्हें संभालनी है। सूत्रों की मानें तो मरांडी का दो टूक कहना था कि ’वे सोरेन सरकार को गिराने के पक्ष में नहीं हैं, वे एक और षिवसेना पैदा नहीं करना चाहते।’ मरांडी का मानना था कि ’झारखंड में झामुमो, कांग्रेस व राजद गठबंधन की जो सरकार चल रही है, उसमें पहले से ही बहुत खटपट है, लिहाजा हमें इस सरकार के स्वतः गिरने का इंतजार करना चाहिए।’ भगवा सेना इन दिनों इंतजार करना ही तो भूल गई है।