वंशवाद के खिलाफ मुखर होता संघ

June 19 2022


इस 19 मई को संघ के थिंक टैंक में शुमार होने वाले रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी ने नई दिल्ली के नेहरू मेमोरियल सभागार में एक सेमिनार का आयोजन किया, जिसका विषय था कि ’वंशवाद से निकले राजनैतिक दल लोकतांत्रिक शासन के लिए कैसे खतरा है’, सेमिनार का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया, इसकी अध्यक्षता महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने की, सेमिनार की अवधारणा भाजपा के राज्यसभा सांसद और इस प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्दे की थी। इस कार्यक्रम में सबसे हैरतअंगेज उपस्थिति तो केंद्रीय इस्पात मंत्री और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की रही, जिनकी राज्यसभा की सदस्यता भाजपा से उनकी नजदीकियों की वजह से खतरे में पड़ गई है, नीतीश उनके इस बदले स्वांग को पचा नहीं पा रहे। पर इस सेमिनार में उस वक्त हंगामा बरप गया जब पोस्ट लंच सेशन में बोलने के लिए जेएनयू के दक्षिणपंथी विचारक डॉ. आनंद रंगनाथन बोलने को आमंत्रित किया गया। आनंद रंगनाथन को अपने उद्बोधन में उस ‘रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क’ की बात करनी थी जो वंशवादी पार्टियों पर नकेल कस सके। जेएनयू के इस यंग प्रोफेसर की विद्वता का सब लोहा मानते हैं और वे संघ के एक प्रमुख थिंक टैंक में शुमार होते हैं, ये दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़े-लिखे हैं और जेएनयू में ‘मोल्युकुलर मेडिसिन’ पढ़ाते हैं। ये तीन किताबें भी लिख चुके हैं। जब प्रोफेसर साहब ने बोलना षुरू किया तो वंशवाद पर अन्य राजनैतिक दलों के साथ उन्होंने भाजपा पर भी हल्ला बोल दिया। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि आज भी भाजपा के 43 से ज्यादा सांसद और सवा सौ से ज्यादा विधायक वंशवाद की राजनीति की उपज है। प्रोफेसर साहब अपनी रौ में बोलते गए और सभागार में सन्नाटा छा गया, बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से प्रोफेसर रंगनाथन के इस धुआंधार भाशण के वीडियो डिलीट कर दिए गए, बस अब उस उद्बोधन की स्मृति शेष है।

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!