योगी की 150 उम्मीदवारों की लिस्ट

November 28 2021


बंगाल चुनाव में जब भगवा आस्थाएं धूल-धुसरित हो गई तो इसके बाद भाजपा और संघ की समन्वय बैठक में यह तय हुआ कि यूपी चुनाव को कतई हल्के में नहीं लिया जाएगा और इस चुनाव की जवाबदेही केवल योगी पर नहीं छोड़ी जाएगी, बल्कि पार्टी के तीनों बड़े नेता यानी अमित शाह, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा के कंधों पर इसकी संयुक्त जिम्मेदारी होगी और स्वयं पीएम मोदी भी अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त यूपी में लगाएंगे। वैसे भी संघ और भाजपा के तमाम जनमत सर्वेक्षणों में राज्य में भाजपा की बढ़ती मुश्किलों को रेखांकित किया जा रहा था। सर्वेक्षण के नतीजे यह भी बता रहे थे कि अखिलेश की सपा के पक्ष में यादव और मुस्लिम पूरी तरह गोलबंद हो रहे हैं, यहां तक कि भाजपा के परंपरागत वोट बैंक ब्राह्मण और ओबीसी वोट बैंक में भी दरार पड़ चुकी है। पष्चिमी यूपी में जाट, मुस्लिम और जाटव का नया गठजोड़ तैयार हो रहा है, यह पहली बार है जब मायावती का कोर वोटर जाटव बसपा का साथ छोड़ भाजपा को हराने का दम रखने वाले दलों की ओर रूख कर रहा है। कुर्मी वोटर भी अनुप्रिया के अपना दल (सोनेलाल) और पल्लवी-कृष्णा पटेल की अपना दल (कमेरावादी) में बंट रही है। अनुप्रिया जहां भाजपा के साथ हैं वहीं उनकी मां और बहन सपा के पक्ष में हैं। एक और जहां भाजपा में जाने-अनजाने योगी वफादारों के टिकट काटने की कवायद हो रही है, वहीं योगी ने अपनी ओर से 150 भाजपा उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की है जो उनके बेहद भरोसेमंद हैं। योगी पार्टी शीर्ष को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन 150 में तो कम से कम 100 भाजपा उम्मीदवारों को जिताने की गारंटी वे ले रहे हैं। जबकि पार्टी का एक वर्ग चाहता है कि 2024 के चुनावों में अगर मोदी के लिए दिल्ली आसान बनानी है तो अगली बार भाजपा को यूपी में एक ओबीसी सीएम देना होगा, जिससे राज्य की 54 फीसदी ओबीसी आबादी को एक मैसेज दिया जा सके।

 
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