येदुरप्पा पर भाजपा हाईकमान का इतना भरोसा क्यों? |
March 15 2023 |
कर्नाटक में ऐन चुनावी बेला में पूर्व भाजपा विधायक और केएसडीएल बोर्ड के चेयरमैन मदल विरूपाक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार को 40 लाख रूपयों की रिश्वत लेते जब लोकायुक्त ने पकड़ा तो घर की तलाशी में 6 लाख रुपए नकद भी प्राप्त हुए। तो राज्य की विपक्षी दलों ने फिर से शोर मचाना शुरू कर दिया कि यह 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार है। पर सच तो यह कि यह पूरा घटनाक्रम येदुरप्पा बनाम राज्य के मुख्यमंत्री बोम्मई की आपसी टंकार की परिणति माना है। भले ही शुरूआत में बोम्मई येदुरप्पा के आदमी के तौर पर देखे गए पर हालिया दिनों में इन दोनों नेताओं के बीच आपसी टकराव की खबरें आती रहीं। कहते हैं कि बोम्मई ने सिर्फ इसीलिए अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया कि उन्हें येदुरप्पा के बेटे को मंत्री नहीं बनाना था। मदल भी येदुरप्पा गुट के एक भरोसेमंद व्यक्ति हैं। पर भाजपा हाईकमान येदुरप्पा को नाराज़ करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता क्योंकि राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से 100 पर येदुरप्पा का असर बताया जाता है। राज्य के 500 से ज्यादा लिंगायत मठों पर भी येदुरप्पा का खासा असर है। राज्य के 17 फीसदी लिंगायत वोट यहां के चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं। बीते सप्ताह जब पीएम मोदी कर्नाटक के शिवमोगा पहुंचे तो यह इस वर्ष की उनकी 5वीं कर्नाटक की यात्रा थी, जहां मोदी ने एक बड़ी रैली को संबोधित भी किया। रैली से पहले शिवमोगा एयरपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर भी येदुरप्पा पीएम के साथ नज़र आए। पीएम ने अपनी रैली में न तो प्रदेश अध्यक्ष का नाम लिया और न ही सीएम बोम्मई का, पर उन्होंने 80 वर्शीय येदुरप्पा की तारीफों के पुल बांध दिए और उनके स्वस्थ जीवन की मंगल कामना भी की जो कि इस बात को दर्षाता है कि भाजपा हाईकमान का पक्का भरोसा है कि येदुरप्पा ही उनकी चुनावी वैतरणी को कर्नाटक में पार लगा सकते हैं। |
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