चिकन सैंडविच, राहुल और हार्दिक

June 19 2022


’अगर तू मुझसे खफ़ा न होता, तेरे अफ़सानों में जिक्र मेरा न होता
तेरे आइने में कैद मेरा भी एक चेहरा था, अगर यूं टूटा न होता’

आज की दौर की सियासत ने नायक और प्रतिनायक के महीन फासले को कम कर दिया है, नायक के चारण गान की परिपाटी भले ही एक दल विशेष की धाती हो, पर कांग्रेस में यह परिपाटी टूटी है। सूत्रों के हवाले से मालूम चला है कि उदयपुर चिंतन शिविर में शामिल होने से पहले जब राहुल गांधी गुजरात गए थे, तो अहमदाबाद स्थित उनके शानदार होटल में मिलने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल पहुंचे थे। कहते हैं पटेल राहुल के लिए अपने घर में तैयार हुआ खास गुजराती व्यंजन साथ लेकर गए थे, जो जाहिर तौर पर शाकाहारी था। पर हार्दिक की संगत में भी राहुल ने गुजराती व्यंजन की जगह होटल के रेस्टोरेंट से आर्डर कर चिकन सैंडविच का लुत्फ उठाना ज्यादा मुनासिब समझा। हार्दिक को इस बात का बुरा लगा। इसके बाद हार्दिक ने उन सौ-सवा सौ प्रभावशाली गुजराती लोगों की लिस्ट राहुल को सौंपी जिनसे वे उनको मिलवाना चाहते थे। पर राहुल ने इन लोगों से मिलने में अनिच्छा जताते हुए कहा कि ’वे अभी आराम के मूड में हैं और कल ही उन्हें वापिस दिल्ली लौट आना है, सो इस बार इन लोगों से मुलाकात संभव नहीं हो पाएगी। अगर आपको इन लोगों से मिलवाना ही है तो आप इन्हें दिल्ली लेकर आ जाओ।’ हार्दिक को यह बात नागवार गुजरी, होटल के कमरे से बाहर निकल कर उन्होंने गुस्से में अपने कुछ भरोसेमंदों से कह दिया-’अगर हमारा नेता जिम और मसाजरूम से बाहर ही नहीं निकलना चाहता तो कांग्रेस को बस भगवान ही बचा सकता है।’ हार्दिक की यह तल्ख टिप्पणी उड़ते-उड़ाते राहुल के कानों तक जा पहुंची। वे तमतमा गए। दिल्ली पहुंच कर उन्होंने अपनी मां से हार्दिक की शिकायत लगाते हुए कहा-’ये बंदा बहुत बदतमीज है, इसे हम उदयपुर नहीं बुलाएंगे।’ सोनिया ने राहुल को समझाना चाहा कि ’कोई भी पार्टी उसके संविधान के हिसाब से चलती है, हम इसमें मनमाने फैसले नहीं ले सकते।’ पर जब सोनिया के समझाने पर भी राहुल अडिग रहे तो आनन-फानन में यह फैसला लिया गया कि उदयपुर चिंतन शिवर में किसी भी कार्यकारी अध्यक्ष को नहीं बुलाया जाएगा। पर हाईकमान के इस फैसले की सर्वत्र आलोचना होनी शुरू हो गई। पार्टी में बढ़ते असंतोष को देखते हुए सोनिया गांधी ने अब फैसला लिया है कि ’बहुत जल्द पार्टी का मिनी चिंतन शिविर लगाया जाएगा, जिसमें कांग्रेस शासित प्रदेशों राजस्थान व छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र व झारखंड से भी राज्य सरकार के मंत्रियों, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गण, कार्यकारी अध्यक्षों समेत 120 नेताओं को इस मिनी शिविर में आमंत्रित किया जाएगा।’ चलो, देर आए दुरूस्त आए।

 
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