क्या कहते हैं उप चुनाव के नतीजे

November 28 2021


देश के हालिया उप चुनावों के नतीजों में साफ-साफ दिखता है कि अब मतदाताओं का खंडित जनादेश में कोई आस्था नहीं रहा, वह आर-पार के नतीजे चाहते हैं। जो पार्टियां जीतने का दम-खम नहीं रखतीं यानी कि ’वोट कटवा’ पार्टी में शुमार है, उसे बाहर का दरवाजा दिखा दिया गया, बिहार में ऐसा कांग्रेस और चिराग की पार्टी के साथ भी हुआ, उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। उप चुनावों के नतीजों ने यह भी बता दिया कि भाजपा का वोट शेयर भी तेजी से लुढ़का है, मध्य प्रदेश में बागियों की बदौलत भले ही शिवराज ने पार्टी की लाज बचा ली हो पर वहां भगवा पार्टी का वोट शेयर 7 फीसदी तक गिरा है। कांग्रेस के वोट शेयर में भले ही 4.5 प्रतिशत का इजाफा दर्ज हुआ पर पार्टी इसे सीटों में कन्वर्ट नहीं कर पाई। भाजपा का वोट शेयर बंगाल में भी धड़ाम हो गया, 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा का वोट शेयर 40.71 प्रतिशत था, वहीं तृणमूल का 43.3 प्रतिशत, 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा का वोट प्रतिशत गिर कर 38.09 प्रतिशत पर पहुंच गया, वहीं ममता बढ़ कर 47.97 फीसदी पर जा पहुंची। इस बार के उप चुनाव में तो टीएमसी ने 75 फीसदी का रिकार्ड वोट हासिल कर लिया, जबकि भाजपा फिसल कर 14.50 फीसदी पर जा पहुंची, अगर वोट प्रतिशत का यही ट्रेंड जारी रहा तो ममता 2024 में बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य तय कर सकती हैं।

 
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