क्या आजमगढ़ से डिंपल यादव लड़ेंगी? |
April 24 2022 |
इस बार संसद सत्र के दौरान यूं अचानक संसद के गलियारे में असदुद्दीन ओवैसी सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से टकरा गए, एक पल को दोनों की नज़रें मिलीं और ओवैसी ने आगे बढ़ कर तपाक से अखिलेश को गले लगा लिया। पहले तो अखिलेश ने शिकायतों का पिटारा खोलते हुए कहा कि उनकी पार्टी एआईएमआईएम ने इन यूपी चुनावों में सपा का कितना नुकसान किया है। पर ओवैसी की मुद्रा थी ’चलो अब आगे बढ़ते हैं।’ फिर ओवैसी की पार्टी के गुड्डू जमाली के बसपा के हाथ थामने पर अखिलेश ने कहा-’मैंने आपसे कहा था इनको (जमाली को) मेरे पास भेजो, मैं इन्हें एमएलसी बना दूंगा, पर आपने मेरी बात सुनी नहीं।’ ओवैसी कुछ बोले नहीं, बस मुस्कुराते रहे। दरअसल, आजमगढ़ लोकसभा सीट से अपना इस्तीफा देने के बाद अखिलेश के लिए उप चुनाव में यह सीट उनकी प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। बसपा के मुबारकपुर के पूर्व विधायक गुड्डू जमाली उर्फ शाह आलम फिर से लौट कर बसपा से दांव आजमा रहे हैं। जमाली की उम्मीदवारी ने अखिलेश की पेशानियों पर बल ला दिए हैं, क्योंकि यह एक बड़े बिल्डर हैं, पैसे की कोई कमी नहीं, मुस्लिमों में एक लोकप्रिय चेहरे हैं और इस यूपी चुनावों में ओवैसी ने जो 100 उम्मीदवार उतारे थे, उनमें से 99 की जमानत जब्त हो गई, बस जमाली ही चौथे स्थान पर रह कर अपनी जमानत बचा पाए थे। भाजपा की योजना शिवपाल यादव को अखिलेश से तोड़ कर उन्हें आजमगढ़ से अपना उम्मीदवार बनाने की है, जिससे कि यादव परिवार और यादव गढ़ में दोफाड़ हो सके। अखिलेश के आगे बस यही विकल्प बचता है कि या तो वे अपनी पत्नी डिंपल यादव को आजमगढ़ से मैदान में उतारें या फिर वहां के सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव पर दांव लगाएं, पर जो भी हो इस बार आजमगढ़ उप चुनाव का नज़ारा बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। |
Feedback |