हरियाणा का तराना |
September 19 2009 |
आखिर हरियाणा में भाजपा और हजकां का समझौता नहीं हो पाया, कारण कई हैं, पर धूरी में भाजपा की एक प्रमुख नेत्री रहीं, जो इस समझौते की पक्षधर कभी नहीं रहीं। रही-सही कसर कुलदीप की हठ ने पूरी कर दी, जिसका मानना था कि यह गठबंधन बतौर अगला मुख्यमंत्री कुलदीप को ही प्रोजेक्ट करे, जबकि भाजपा के वार्ताकार थोड़ा सेफ-पैसेज चाहते थे, वे भजनलाल को नेता प्रोजेक्ट करने पर राजी थे। नहीं तो भाजपा नेताओं की पहले तो जिद यह थी कि यहां भी महाराष्ट्र का फार्मूला लागू किया जाए , यानी जिस दल की ज्यादा सीटें आएंगी मुख्यमंत्री भी उसी पार्टी का बनेगा। खैर, गठबंधन की बात नहीं बनने से कईयों की बांछे खिली हैं। |
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