रंग बदलता डीएमके |
February 27 2013 |
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नादीक आ रहे हैं तमिलनाडु में डीएमके सहानुभूति फैक्टर को भुनाने में जुट गया है। जब से राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी की सजा मिलने की आहटें पुख्ता होने लगी हैं द्रमुक के विरोधी स्वर भी तेज होने लगे हैं। जबकि जब लिट्टे का सफाया हुआ था तब भारत ने ही श्रीलंका को पूरी इंटेलीजेंस मुहैया करायी थी। सनद रहे कि उस वक्त तमिलनाडु में डीएमके की सरकार थी। सनद रहे कि इस ऑपरेशन की पूर्व बेला में जेल में बंद नलिनी से मिलने प्रियंका गांधी वाड्रा पहुंची थीं और उन्होंने बकायदा नलिनी से यह सवाल पूछा था कि -‘तुमने ऐसा क्यूं किया और किसके कहने पर किया?’ नलिनी ने फिर अपनी सारी जानकारी प्रियंका के साथ शेयर भी की थी। और जब उस र्वात्तालाप में स्व. राजीव गांधी की जघन्य हत्या में लिट्टे का हाथ साबित हो गया, तब कहीं जाकर भारत ने लिट्टे के सफाया अभियान को हरी झंडी दिखायी। |
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