मुख्तार से तार-तार भगवा मंसूबे |
April 23 2011 |
‘क्या तेज जगमगाती थी कातिल के हाथ में अब उसकी आस्तीन में तो खंजर भी न रहा…’ औरतों के रुखसार के पाउडर व लबों की लिपस्टिक उन्हें जम्मू-कश्मीर के आतंकी का भान कराते हैं,जब ये जनाब वर्ष 1998 के एनडीए शासनकाल में सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री थे तो इन्होंने अपने इलाहाबाद का मकान अपने ही मंत्रालय के अधीनस्थ ‘सांग एंड ड्रामा डिविजन’ को मुंहमांगी कीमत पर किराए पर दे दिया था, बाद में जब ये पार्टी प्रवक्ता बने तो इन्हें पार्टी के नई दिल्ली के 11 अशोक रोड स्थित केंद्रीय कार्यालय में कथित तौर पर मदिरा पान करते हुए पाया गया, तब अडवानी के निर्देश पर इन्हें पार्टी प्रवक्ता पद से हटा दिया गया, इस दफे के लोकसभा चुनाव में रामपुर से उनकी जमानत जब्त हो गई, मौजूदा वक्त में वे खुद को पार्टी का प्रवक्ता प्रोजेक्ट करते हैं, पर आधिकारिक तौर पर हैं नहीं, पर भाजपा बीट कवर कर रहे पत्रकारों की माने तो ‘ऑफ द् रिकार्ड’ ब्रीफ करने में उनका कोई सानी नहीं, उन्हें पार्टी का ‘ऑफ द् रिकार्ड टि्वटर’ भी कहा जाता है, इस शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितीन गडकरी ने उन्हें क्या खूब लानतें भेजी, पर लगता नहीं कि मुख्तार अब्बास नकवी बस इतनी डपट भर से सुधरने वाले। क्या करें, …’वो भी मंजिल की बात करते हैं, जिनको अपना पता नहीं होता।’ |
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