मिश्र की फिक्र

July 02 2012


सियासी नेपथ्य की सुगबुगाहटों के बीच भारतीय राजनीति के मुख्य रंगमंच पर प्रतिनायक की भूमिका में अवतरित होने वाले गडकरी करीबी अंशुमान मिश्र अपने लिए सियासत की नई जमीन तलाश करने में जुटे हैं। तभी तो गडकरी पुत्र सारंग के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए वे खास तौर पर भारत आते हैं मुंबई उतरते ही उध्दव ठाकरे और उनकी पत्नी से मिलते हैं, अरुण जेटली को सुलहनामा की शक्ल में एक ईमेल भेजते हैं, कर्नाटक के राजभवन में ठहरते हैं और वहां से येदुरप्पा की प्रणब बाबू से बात करते हैं। फिर उद्योगपति गौतम अदानी के 50वें जन्मदिवस समारोह में शामिल होने के लिए अहमदाबाद पहुंचते हैं और अपने तार मोदी से जोड़ने का यत्न करते हैं। यानी मिश्र वो सब कुछ कर रहे हैं जो करने की वे कूवत रखते हैं। और भारतीय सियासत भी जिन बातों की अब आदी हो चुकी है।

 
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