| मार गया म्यांमार |
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July 11 2010 |
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27 जुलाई को म्यांमार के मिलिट्री जेंटा काउंसिल के प्रमुख भारत पधार रहे हैं और इनकी भारत यात्रा का सारा खर्च भारत सरकार उठा रही है। म्यांमार के साथ हमारे कुछ अहम गोपनीय समझौते हैं जिसमें सबसे अहम है कि म्यांमार इंडो-बर्मा बॉर्डर पर उल्फा और माओवादियों को अपने कैंप चलाने या किसी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए अपनी जमीन मुहैया नहीं कराएगा। इसके एवज में भारत म्यांमार को भरपूर आर्थिक मदद करता है यहां तक कि भारत स्थित म्यांमार दूतावास का सारा खर्च भी भारत ही उठाता है। भारत म्यांमार के छात्रों को आईटी सेक्टर में मुफ्त प्रशिक्षण भी दे रहा है। सामरिक और रणनैतिक दृष्टिकोण से म्यांमार में चीनी प्रभाव को रोकना भी भारत की प्राथमिकताओं में शुमार है, म्यांमार की शर्त है कि आंग सान सूकी की नजरबंदी को लेकर भारत सरकार या देश का मीडिया कोई सवाल नहीं उठाएगा, और सचमुच हमने इस ओर अपनी आंखें बंद कर रखी हैं। पर जरूरी है कि म्यांमार भी अपनी आंखें खुली रखे! |
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