पुलक हैं पुलकित

July 31 2011


पार्टी नाराज है कि पीएम यूपीए-2 में अपनी मनमानी पर उतर आए हैं, पार्टी की कान लगाकर सुनते नहीं। जब दस जनपथ दुलारे पुलक चटर्जी ने कैबिनेट सेक्रेटरी बनने की इच्छा जताई तो पीएम ने एक सिरे से इस प्रस्ताव को नकार दिया था, बोले-‘जो भी होगा, वरिष्ठता के आधार पर होगा।’ इस सीनियरटी के चक्कर में प्रणब दा मारे गए, वे अपनी पसंद के सुमित बोस को वित्त सचिव लाना चाहते थे पर वरिष्ठता के चक्कर में यह पद आर.एस. गुजराल को मिल गया। पार्टी सबसे ज्यादा नाराज टी.के.ए. नायर को लेकर थी, पीएम को समझाया गया कि यह नकारे हैं, 2जी पर आपका बचाव नहीं कर पाए, सो इसे ड्रॉप करो, पीएम ने हटाया मगर अपना एडवाइजर बना लिया, अब पीएम नायर को राजभवन भेजना चाहते हैं। पीएम मलयाली लॉबी को नाराज नहीं करना चाहते। लोग तो कहते हैं कि नायर मुकेश-अनिल की लड़ाई की भेंट चढ़ गए, चूंकि वे अनिल के ज्यादा करीबी थे। देखना अहम रहेगा कि पुलक चटर्जी के प्रिंसीपल सेक्रेटरी बनने के बाद क्या सात रेसकोर्स व दस जनपथ के रिश्ते बेहतर होंगे?

 
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