खेल-खेल में क्रिकेट |
April 26 2010 |
सारा फच्चर कोच्चि फ्रेंचाइजी को लेकर है। शरद पवार की पूरी कोशिश है कि वर्तमान फ्रेंचाइजी से यह टीम छीनकर वीडियोकॉन को दिलवा दी जाए, जबकि नरेंद्र मोदी गौतम अदानी के लिए कोशिश कर रहे हैं। कोच्चि ‘बिड’ के समय जो लोग उपस्थित थे उनमें से कोई सुनंदा पुष्कर को नहीं जानता था, पर जब शशि थरूर के ओएसडी जेकब की मौजूदगी का वहां पता चला तो सबने आनन-फानन में इसका थरूर कनेक्शन ढूंढ ही लिया। सुना जाता है कि जब थरूर को इस मामले में अपने लोगों का पक्ष तनिक कमजोर लगा तो वे सीधे राहुल गांधी के पास गए और राहुल से उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी यह ‘बिड’ अदानी को दिलवाना चाहते हैं जिससे यह टीम अहमदाबाद चली जाएगी। मोदी मानिया से आक्रांत राहुल ने तब थरूर के लिए आईपीएल के एक सिरमौर को फोन कर उनसे थरूर की मदद करने को कहा। राहुल के प्रयास रंग लाए और यह डील ‘रौंदेवू’ को मिल गई। पर इसमें पेंच यह है कि कोच्चि में कोई क्रिकेट ग्राउंड ही नहीं है, सो थरूर नई दिल्ली में अरुण जेतली से मिले और कहा कि उनके फ्रेंचाइजी तीन साल के अंदर कोच्चि में स्टेडियम बनवा लेंगे, सो इसे वे आबूधाबी ले जाने में मदद करे। जेतली ने कहा कि यह इंडियन प्रीमियर लीग है, इसे बाहर देश से नहीं ले जाया जा सकता, वैसे भी आबूधाबी में सट्टेबाजी बहुत है। सो यह मामला यहीं अटक गया। |
Feedback |